
मंझनपुर। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट दीपक कुमार जायसवाल की अदालत ने अवैध तमंचा रखने का जुर्म कुबूल करने पर दो अलग-अलग मामलों में दोषियों को अर्थ दंड से दंडित किया है। अर्थदंड की अदायगी नहीं करने पर दोनों को 15-15 दिन के कारावास की सजा सुनाई है।
अदालत में पहली अर्जी मंझनपुर कोतवाली के थांबा निवासी कल्लू ने दाखिल की। कल्लू के खिलाफ वर्ष 1997 में आर्म्स एक्ट का मुकदमा दर्ज हुआ था। करीब तीन दशक बीतने के बाद भी पुलिस की ओर से कोर्ट के समक्ष कोई गवाह पेश नहीं किए गए। इससे परेशान होकर कल्लू ने मंगलवार को अपना जुर्म कुबूल कर लिया। इस पर सीजेएम ने कल्लू को एक हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है। इसी तरह सैनी कोतवाली के धुमाई निवासी राजभान को वर्ष 2005 में पुलिस ने अवैध तमंचा व कारतूस के साथ गिरफ्तार किया था। पुलिस की लचर पैरवी के चलते अब तक कोई भी गवाही नहीं हुई। जुर्म कुबूल करने पर कोर्ट ने राजभान को डेढ़ हजार रुपये के अर्थ दंड से दंडित किया है।